अजब एमपी: शिक्षकों को भिखारियों की तलाश करने का आदेश, भड़का गुस्सा और विरोध
Gwalior News: अजब एमपी में एक जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को गजब फरमान सुनाया है. जिसे सुनने के बाद न केवल टीचरों में गुस्सा है बल्कि वह इस फैसले से हैरान भी नजर आ रहे हैं. क्योंकि शिव महापुराण में ड्यूटी, सामूहिक विवाह आयोजनों में भोजन परोसने और शराब ठेकों पर ड्यूटी के बाद अब शिक्षकों को भिखारियों को खोजने में लगा दिया है. ऐसे में शिक्षकों ने इस फैसले का विरोध जताना शुरू कर दिया है. जबकि इस अजीबो गरीब फैसले की चर्चा भी प्रदेश में हो रही है.
दरअसल, ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की ड्यूटी भिखारियों को खोजने में लगाई है. इसके लिए उन्होंने बाकायदा आदेश जारी करके हर दिन 9 घंटे तक शिक्षकों को भिखारियों खोजने का काम दिया है. उन्होंने जो आदेश जारी किया है उसमें महिला-बाल विकास विभाग के विशेष अभियान का जिक्र किया गया है, जिसमें कुछ प्राचार्यों के साथ कुछ कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने और भिखारियों को मुख्य धारा में लाने के लिए यह काम शिक्षकों को सौंपा जा रहा है.
जिला शिक्षाधिकारियो का शुरू हुआ विरोध
जिला शिक्षाधिकारी के इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है, शिक्षक संगठनों का कहना है कि पिछले साल ही हाईकोर्ट यह आदेश दे चुका है कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी, उसके बाद इस इस तरह के कार्यों में शिक्षकों को क्यों परेशान किया जा रहा है. इसके अलावा भी हर विभाग के काम शिक्षकों को ही सौंपे जा रहे हैं. इसलिए यह आदेश तुरंत ही वापस लिया जाना चाहिए.