प्रदेश के बाइस पंचायतों में सरपंच मौजूद नहीं, आरक्षण की खामी के चलते नहीं मिले उम्मीदवार। पद खाली होने का सीधा असर इलाके के विकास पर।
ये खबर वाकई चौंका देने वाली है। राजधानी रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों की पंचायतों में सरपंच का पद खाली है। ऐसे पंचायतों की संख्या बाइस है, जहां योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने की वजह से चुनाव कराने की कवायद नाकाम रही है।
पंचायत उपचुनाव में निर्वाचन आयोग के सामने खुलासा हुआ, कि कई जगह सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया गया है। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिले के निर्वाचन अधिकारी से इस बाबत जानकारी मांगी। जिसके बाद खुलासा हुआ, कि कई पंचायतों में आरक्षण प्रावधान में खामी के चलते संबंधित वर्ग का उम्मीद्वार ही नहीं मिल सका। कई जगहों पर आरक्षित अजा वर्ग की महिला उम्मीद्वार नहीं मिली, तो कई पंचायतों में आरक्षित वर्ग से कोई सामने नहीं आया। इस समय रायपुर के जौदी, दुर्ग के बसनी, बिलासपुर के भरारी और पेण्डरवा, मुंगेली जिले के झिरिया, रायगढ़ के दुर्गापाली-बरभाठा (अ), के साथ अन्य जिलों को मिला कर कुल बाइस पंचायतों में सरपंच पद खाली है और विकास के काम ठप पड़े हैं।
सरपंचों के साथ ही प्रदेशभर में कुल सौ से ज्यादा पंचों के पद भी खाली पड़े हैं। हालांकि आरक्षण नियमों में कमी के साथ ही नक्सल इलाके में उम्मीद्वारों का सामने नहीं आना भी इसका कारण रहा है। कांकेर जिले में सबसे ज्यादा 68 पंच पद खाली हैं। अफसरों के मुताबिक इस मामले की समीक्षा के बाद निदान का प्रयास किया जा रहा है।