सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
नई दिल्लीः डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनके ‘सनातन धर्म’ वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन से पूछा, ‘आपने 19(1) ए और 25 के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है, आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है ? आपको उसके परिणामों का एहसास होना चाहिए था, आप एक मंत्री हैं कोई आम आदमी नहीं.’
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने ‘सनातन धर्म’ के बारे में कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन से कहा- आपने अनुच्छेद 19(1)ए और 25 के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है.अ ब आप अनुच्छेद 32 के दायरे में आ गए हैं?
स्टालिन के वकील सिंघवी ने दिए ये तर्क
वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने एफआईआर को एक साथ जोड़ने की दलील देने के लिए अर्नब गोस्वामी, मोहम्मद जुबैर और अन्य के मामलों में दिए गए फैसलों का हवाला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि स्टालिन इसके बजाय हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। इस पर उदयनिधि के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर मुझे कई हाई कोर्ट जाना पड़ा तो मैं बंध जाऊंगा और यह अभियोजन पक्ष के समक्ष उत्पीड़न होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम अगले हफ्ते इस मामले पर सुनावाई करेंगे.’
दिया था विवादित बयान
‘सनातन का विरोध नहीं, उसे जड़ से खत्म करना होगा’उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, ‘कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है.’ सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि की टिप्पणियों पर पूरे देश में बड़ा बवाल मचा था. भाजपा ने उनके बयान की तीखी आलोचना की थी. भगवा पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की तुलना ‘यहूदियों के बारे में हिटलर के विचारों’ से की थी.