महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस सड़क पर आई या महज ईडी से बचाव की लड़ाई ! क्या होगा अंजाम ?…
महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का हल्लाबोल सियासी नजरिए से कामयाब माना जा रहा है। दिल्ली में राहुल-प्रियंका के साथ कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे, गिरफ्तारी दी और आखिरकार सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहे। हालांकि बीजेपी ने तंज कसते हुए इसे ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कवायद करार दिया है।
कांग्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार की तानाशाह नीति लोकतंत्र को मिटा रही है। विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है। ईडी की दबिश से डराया जाता है। जनता महंगाई और बेरोजगारी का दंश झेल रही है, जबकि सरकार इस मुद्दे को लेकर उठने वाली आवाज को बंद करने के लिए हर तरह की साजिश अंजाम दे रही है। राहुल गांधी ने कहा, कि मौजूदा दौर में हम लोकतंत्र की मौत देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने लगभग एक सदी पहले जो कुछ भी ईंट-पत्थरों से बनाया था, वह आपकी आंखों के सामने नष्ट किया जा रहा है। जो कोई भी तानाशाही विचार के खिलाफ खड़ा है, उस पर शातिर हमला किया जाता है, उन्हें जेल में डाल दिया जाता है, उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और पीटा जाता है। इधर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद पलटवार करते हुए कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाई। रविशंकर प्रसाद ने कहा, कि कांग्रेस का लोकतंत्र भ्रष्टाचार का तंत्र है। राहुल गांधी भ्रष्टाचार से बचने के लिए देश की आलोचना कर रहे हैं। राहुल गांधी बताएं कि वह जमानत पर क्यों हैं? आज रक्षा सौदों में कोई ‘कट’ नहीं होता। कांग्रेस पार्टी आज एक परिवार की जेब में है। जो पार्टी प्रॉपर्टी पर कब्जे की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, कि दो दिन पहले महंगाई पर सदन की चर्चा में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया। दरअसल महंगाई और बेरोजगारी तो एक बहाना है। कांग्रेस ईडी को डराना, धमकाना और परिवार को बचाना चाहती है।
खैर कांग्रेस, भाजपा के बीच ये सियासी जंग कब तक ? किस हद तक जारी रहती है ? और इसका अंजाम क्या होता है ? ये देखना दिलचस्प होगा।