ब्रेकिंग न्यूज़

भोपाल – मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक्शन में पुलिस, सड़कों पर उतरे 15000 पुलिसकर्मी, 8 हजार से ज्यादा बदमाशों की धरपकड़, 75 से अधिक इनामी बदमाश गिरफ्तार….. भोपाल – बकरीद पर विश्व हिंदू परिषद का बड़ा बयान, राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दी चेतावनी, कुर्बानी के नाम पर नालियों में ना बहे खून, मौलाना औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने किया पलटवार, कुर्बानी त्याग और बलिदान का दिन…… बिलासपुर – बिलासपुर में युवक पर चाकू से हमला, चाकूबाजी में युवक की हालत गंभीर, रतनपुर थाना क्षेत्र के कन्हैयापारा का मामला, फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस…. रायपुर – प्रत्यक्ष प्रणाली से नगरीय निकाय चुनाव पर विचार, मामले में उपमुख्यमंत्री अरूण साव का बयान, शासन स्तर पर निकाय चुनाव की तैयारियां लगातार जारी है, सभी निकायों में वार्डों के परिसीमन के निर्देश दिए गए हैं, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रणाली को लेकर सुझाव लिए जा रहे हैं, जल्द ही इस संबंध में अंतिम निर्णय कर लिया जाएगा..

” बिहार में बहार ” या बदलाव की बयार ! ….नीतीश गठबंधन धर्म निभाएंगे या तेजस्वी को गले लगाएंगे !

Political turmoil in Bihar 

Political turmoil in Bihar : बिहार में सियासी पिच पर जोर आजमाइश के लिए जद(यू) तैयार दिख रही है। आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद मचा घमासान ऐसा ही संकेत दे रहा है।
बिहार की सियासत में एनडीए गठबंधन की उम्र को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। जद (यू) नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा बात तो आरसीपी की कर रहे हैं , पर बगैर नाम लिए हमला बीजेपी पर कर रहे हैं। इधर कांग्रेस का नीतीश को लेकर नरम रूख भी साफ संकेत दे रहा है। वहीं आरसीपी की पार्टी में पकड़ और विधायकों से बेहतर तालमेल का हवाला देकर महाराष्ट्र की तर्ज पर उलटफेर का शिगूफा भी सियासी फिजाओं में तेजी से तैर रहा है। हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें, तो इसकी गुंजाइश कम है। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक पिछली बार की तर्ज पर जद (यू) विधायक महागठबंधन में शामिल होने को तरजीह दे रहे हैं।इस मामले में भाजपा के वरीय नेता अभी तक या तो संयम के साथ बयान दे रहे हैं, या बयानबाजी से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है, कि मौजूदा दौर में बीजेपी वेट एंड वॉच की पॉलिसी को बेहतर मान रही है।
ऐसे भी कहा जाता है, कि सियासत में ना कोई स्थायी दोस्त होता है और ना ही स्थायी दुश्मन। यूं भी सूबे बिहार में नारा ए सुशासन के साथ विकास का मुखौटा लगा कर स्वार्थ की सियासत अंजाम देना कोई नई बात नदुश्मनइस बार कौन किसके साथ रहता है ? देखना दिलचस्प होगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *