” बिहार में बहार ” या बदलाव की बयार ! ….नीतीश गठबंधन धर्म निभाएंगे या तेजस्वी को गले लगाएंगे !
Political turmoil in Bihar : बिहार में सियासी पिच पर जोर आजमाइश के लिए जद(यू) तैयार दिख रही है। आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद मचा घमासान ऐसा ही संकेत दे रहा है।
बिहार की सियासत में एनडीए गठबंधन की उम्र को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। जद (यू) नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा बात तो आरसीपी की कर रहे हैं , पर बगैर नाम लिए हमला बीजेपी पर कर रहे हैं। इधर कांग्रेस का नीतीश को लेकर नरम रूख भी साफ संकेत दे रहा है। वहीं आरसीपी की पार्टी में पकड़ और विधायकों से बेहतर तालमेल का हवाला देकर महाराष्ट्र की तर्ज पर उलटफेर का शिगूफा भी सियासी फिजाओं में तेजी से तैर रहा है। हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें, तो इसकी गुंजाइश कम है। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक पिछली बार की तर्ज पर जद (यू) विधायक महागठबंधन में शामिल होने को तरजीह दे रहे हैं।इस मामले में भाजपा के वरीय नेता अभी तक या तो संयम के साथ बयान दे रहे हैं, या बयानबाजी से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है, कि मौजूदा दौर में बीजेपी वेट एंड वॉच की पॉलिसी को बेहतर मान रही है।
ऐसे भी कहा जाता है, कि सियासत में ना कोई स्थायी दोस्त होता है और ना ही स्थायी दुश्मन। यूं भी सूबे बिहार में नारा ए सुशासन के साथ विकास का मुखौटा लगा कर स्वार्थ की सियासत अंजाम देना कोई नई बात नदुश्मनइस बार कौन किसके साथ रहता है ? देखना दिलचस्प होगा।