सियासी ड्रामे का अंत, नए एपिसोड की शुरुआत, कल तक जोश से लबरेज, आज क्यों सत्ता से परहेज?
शिवसेना ने मैच गंवा दिया।उद्धव के सैनिकों की दहाड़ भी शांत है । जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला फ्लोर टेस्ट के पक्ष में आया, सीएम के दिल से इमोशन का सैलाब उमड़ आया। उन्होंने फेसबुक लाइव कर सीएम और विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफे की ऐलान कर दिया। हालांकि सियासी जानकार पहले ही ये जाहिर करते रहे, कि शिवसेना के पास बहुमत नहीं, उद्धव आखिरी वक्त में ऐसा ही करेंगे । बागियों का जत्था संख्या बल के लिहाज से पहले दिन से भारी रहा, लेकिन उद्धव साम, दाम, दंड, भेद की नीति के साथ चरम तक पहुंचे । इसकी वजह भी साफ रही है। इस सियासी आपदा में सिर्फ सीएम की कुर्सी ही दांव पर नहीं दिखी, बल्कि शिवसेना की विरासत पर भी संकट के बादल मंडराते दिखे । ऐसे में उद्धव ने पहले तल्ख तेवर दिखाए । आदित्य और राउत को धमकाने की खुली छूट दी । खुद इमोशनल कार्ड खेलते रहे । इधर संवैधानिक पहलुओं के साथ अदालत का दरवाजा भी खटखटाते रहे। तमाम जतन नाकाम रहे, तो इमोशनल अपील के साथ सीएम पद छोड़ने का ऐलान कर दिया।
दरअसल ठाकरे को दूसरे दल की सरकार बनने के बाद सत्ता गंवाने से ज्यादा अपने तानाशाह रवैये के चलते प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का डर सताता रहा । खैर नए एपिसोड की शुरुआत हो चुकी है, आने वाले दिनों में पटकथा सामने होगी।