ब्रेकिंग न्यूज़

भोपाल – मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक्शन में पुलिस, सड़कों पर उतरे 15000 पुलिसकर्मी, 8 हजार से ज्यादा बदमाशों की धरपकड़, 75 से अधिक इनामी बदमाश गिरफ्तार….. भोपाल – बकरीद पर विश्व हिंदू परिषद का बड़ा बयान, राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दी चेतावनी, कुर्बानी के नाम पर नालियों में ना बहे खून, मौलाना औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने किया पलटवार, कुर्बानी त्याग और बलिदान का दिन…… बिलासपुर – बिलासपुर में युवक पर चाकू से हमला, चाकूबाजी में युवक की हालत गंभीर, रतनपुर थाना क्षेत्र के कन्हैयापारा का मामला, फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस…. रायपुर – प्रत्यक्ष प्रणाली से नगरीय निकाय चुनाव पर विचार, मामले में उपमुख्यमंत्री अरूण साव का बयान, शासन स्तर पर निकाय चुनाव की तैयारियां लगातार जारी है, सभी निकायों में वार्डों के परिसीमन के निर्देश दिए गए हैं, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रणाली को लेकर सुझाव लिए जा रहे हैं, जल्द ही इस संबंध में अंतिम निर्णय कर लिया जाएगा..

नेता जी का शराबबंदी मंत्र, भांग/गांजा सेवन की दी सलाह। बयान पर मचा बवाल ….

Controversial statement of MLA Dr. krishnamurti Bandhi

कभी छत्तीसगढ़ में जनता की सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी माननीय के पास रही। मौजूदा वक्त में मस्तूरी विधायक हैं। जी हां, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भाजपा नेता कृष्णमूर्ति बांधी ने शराबबंदी का नया फार्मूला सामने रखा है। उनकी मानें, तो छत्तीसगढ़ में लोगों को शराब की जगह भांग एवं गांजा को तरजीह देना चाहिए। हद तो ये है, कि उन्होंने शराबबंदी के लिए विधानसभा समितियों को भी इस दिशा में काम करने का सुझाव दिया है।
जब विधायक जी के इस विवादित बयान पर सवाल खड़े हुए, तो उन्होंने अपनी सफाई में भी मजेदार दलील पेश कर दी।नेता जी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष से उन्होंने एक भावनात्मक बात कही। उनकी मानें, तो बलात्कार, झगड़ा हमारी प्रवृत्ति एवं दारू, शराब की वजह से हो रहा है। ऐसे में उन्होंने विधानसभा में सवाल रखा , कि कभी भांग खाने वाले ने किसी से झगड़ा, हत्या, बलात्कार किया हो तो बता दें?पूर्व मंत्री ने पूछा, क‍ि नशे की जरूरत कैसे पूरा करें? शराबबंदी के लिए बनाई गई समितियों को चाहिए कि लोगों को नशा चाहिए तो ऐसा नशा दें, जिसका सेवन कर इंसान हत्या, बलात्कार, लड़ाई-झगड़ा ना करे। बांधी के बयान को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्‍ला ने बयान को आपत्तिजनक करार देते हुए भाजपा पर लोगों को नशे की राह पर जाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।
खैर सियासत और सियासी बयान अपनी जगह है। लेकिन बड़ा सवाल ये है, कि किसी भी जनप्रतिनिधि की ऐसी सलाह किस हद तक जायज है?

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *