आप खुद तय कीजिए, इसे क्या कहेंगे…. कुछ कर गुजरने का जज्बा , उजाले की चाहत या जुनून का चमत्कार । जी हां , झरने से ग्रामीणों ने किया बिजली उत्पादन ….अब रोशनी से जगमगाएगा गांव ….. पढ़िए खास खबर ।
बेलसिंगा और माली कछार गांव अब रोशनी से जगमगाएंगे । रायगढ़ जिले के धरमजयगढ ब्लॉक के इन गांवों में उरांव जनजाति के लोगों का बसेरा है । सुदूर इलाके में छाता नाला के पास बसे इन गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंची । अचानक एक मसीहा के रूप में सामने आए प्रो डी एस मालिया और उन्होंने गांव वालों के सहयोग से पहाड़ी पर मौजूद झरना “बिरनी माड़ा” के सहारे बिजली उत्पादन कर नई मिसाल पेश कर दी।
समुद्र तल से तकरीबन डेढ़ हजार फीट की ऊंचाई पर पाइप और मशीन पहुंचाना बेहद जोखिम भरा काम रहा । सीधी चढ़ाई और संकरा रास्ता तय करना वो भी मशीनों को लेकर लेकिन गांव वालों ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिया । झरना से गिर रहे पानी की सहायता से 10 टरबाइन चलाए गए और 10 किलोवाट बिजली का उत्पादन किया गया । आने वाले दिनों में पूरे गांव को रोशन करने का खाका तय किया जा रहा है ।
प्रो मालिया आने वाले दिनों में रायगढ़ के साथ ही कोरबा के सुदूर गांवों को भी रोशन करने का इरादा रखते हैं । सच ही कहा है – कौन कहता है , आसमां में सुराख हो नहीं सकता .. एक पत्थर तो जरा तबियत से उछालो यारों ।