हादसों की हकीकत …. सबसे बड़ा खुलासा !
लाश उसकी, उत्पादन हमारा … ये हमारा नारा !… बेबस है, वो काम की तलाश में आएगा बेचारा !
औद्योगिक घराने के सिरमौर हैं हम … जी हां ये दावा है नहरपाली औद्योगिक इकाई के अफसरों का । गलत नहीं है , आप ऐसा दावा कर सकते हैं । लेकिन अब जरा गौर फरमाइए इस तरह का दावा करने वाले उन लाखों की सैलरी वालों की करतूत पर , जो लाशों की बिसात पर संस्थान में खुद को मसीहा बता रहे हैं ।
बात करते हैं, डीआरआई की जहां तकरीबन साढ़े तीन साल में तीन हादसे हुए । आठ लोग हादसों की चपेट में आए , तीन पहले जान गंवा चुके हैं , एक- दो कभी भी निपट सकते हैं ,जो बचे हैं उनकी जिंदगी भी तबाही की कगार पर कही जा सकती है ।
इंतजार कीजिए … ये हादसों की हकीकत से आपको रू-ब-रू कराने का आगाज है । जल्द ही सबूतों के साथ कथित सरमाएदारों की हकीकत का खुलासा होगा, जो अंजाम तक पहुंचेगा । मालिकाना हैसियत रखने वालों तक सही खबर नहीं पहुंचने देने या गुमराह करने का सबूत । हर उस हादसे का खुलासा भी होगा , जिसके लिए अपनी जगह दूसरों को बलि का बकरा बनाया गया है ।