महिला बाल विकास मंत्री के इलाके में इलाज के लिए भटक रही महिलाएं। सिर्फ नाम के लिए सर्वसुविधायुक्त है जिला अस्पताल।
छत्तीसगढ़ का ये जिला ना तो सुदूर इलाके में है और ना ही मौजूदा सरकार के लिए नजरंदाज करने लायक। बात की जा रही है बालोद जिले की। यहां से कांग्रेस के तीन विधायक जनता की नुमाइंदगी करते हैं। इनमें महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया का नाम भी शामिल है। लेकिन जिले में महिलाओं के लिए ही इलाज की बेहतर सुविधा नहीं है। आलम ये है, कि जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ मौजूद नहीं होने के चलते महिला मरीजों को इलाज के लिए लगातार दूसरे जिलों में रेफर किया जा रहा है।
बालोद को जनवरी १२ में जिला का दर्जा हासिल हुआ। इस शहर की दूरी धमतरी से ४४ और दुर्ग सेे ५८ किलोमीटर है। ९ लाख की आबादी वाले इस जिले में सौ बिस्तरों वाला सरकारी जिला अस्पताल लोगों के लिए खास मायने रखता है। लेकिन तकरीबन पिछले दो माह से यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। इसका खामियाजा सीधे तौर पर गर्भवती के साथ-साथ सामान्य महिलाओं को भी भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की मौजूदगी का दावा यहां महज कागजी बन कर रह गया है। गौर करने वाली बात ये है, कि ये हालात जिस जिले में है, वहां से महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया और एक संसदीय सचिव समेत तीन विधायक सरकार में शामिल हैं।
*क्या कहना है मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी का *
~~” शासन को सूचित कर स्त्री रोग विशेषज्ञ नियुक्ति की मांग की गई है। वर्तमान में सभी निजी अस्पताल और निजी चिकित्सकों के साथ बैठक की गई है। इसमें सहमति बनी है, कि जटिल केस होने पर गायनिक डॉक्टर जिला अस्पताल में सेवा मुहैया कराएंगे “~~
सीएमएचओ की पहल से चंद चुनींदा जरुरतमंद मरीजों को यकीनन फायदा होगा, लेकिन ये समाधान नहीं है। सवाल ये है , कि सरकारी योजनाओं को आखिरी इंसान तक पहुंचाने का दावा करने वाले ये जनप्रतिनिधि क्या अपने जिले की इतनी बड़ी समस्या से वाकिफ नहीं? अगर हैं, तो इसका निदान क्यों नहीं हो रहा ?