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क्यों खास हैं माननीय ? विधायक वेतन बढ़ोत्तरी का बिल पास, तो कर्मचारियों की मांग नाजायज कैसे ? …. हड़ताल पर बैठे राज्य के शासकीय कर्मचारी पूछ रहे सवाल ….

Chhattisgarh govt employees begin 5-day strike as MLAs get salary hike

प्रदेशभर के शासकीय कर्मचारियों ने काम-काज ठप कर दिया है। पांच दिनों तक हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारी महंगाई और आवास भत्ता ७वें वेतनमान के मुताबिक दिए जाने की मांग कर रहे।
आम आदमी परेशान है। राज्य शासन के ऑफिस में काम ठप है। कर्मचारी पांच दिनों की हड़ताल का ऐलान कर काम बंद कर चुके हैं। दरअसल शासकीय कर्मचारियों के गुस्से की वजह साफ है । केंद्र के शासकीय कर्मचारियों को ७ वें वेतनमान के मुताबिक महंगाई और आवास भत्ता मिल रहा है, जबकि इन्हें सिर्फ आश्वासन ही हासिल होता रहा है। रही सही कसर उस वक्त पूरी हो गई, जब छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों के वेतन वृद्धि का बिल पास हो गया। जिसके बाद विधायकों को 95,000 नहीं बल्कि 1,50,000 रुपये प्रति माह हासिल होने वाला है। साथ ही उनके मेडिकल और टेलीफोन अलाउंस में भी 5,000-5,000 का इजाफा किया गया है। कर्मचारी संघ के मुताबिक माननीय हकदार हैं, तो शासन के कर्मचारियों को उनका जायज हक क्यों नहीं दिया जा रहा है ?
कर्मचारियों की मांग को लेकर शासन का रवैया क्या होगा ? ये तो आने वाला वक्त ही बता सकता है , पर अभी शासकीय दफ्तरों में काम बंद होने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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